स्वरोजगार और पर्यावरण संरक्षण का बना आदर्श मॉडल, ‘लाइफ गार्डन’ से 5 लाख तक की सालाना कमाई
कानपुर। भीतरगांव ब्लॉक के बिरहर गांव में सगे भाई हरी मिश्रा और ओम मिश्रा ने नौकरी छोड़कर 20 बीघे भूमि पर हरियाली की मिसाल पेश की है।इनका तैयार किया गया बगीचा ‘लाइफ गार्डन’ न सिर्फ आमदनी का जरिया बना है बल्कि पर्यावरण संरक्षण का प्रेरक उदाहरण भी बन गया है।हरी मिश्रा पेशे से पत्रकार हैं जिन्होंने अखबार की नौकरी छोड़कर खुद बागवानी शुरू की। उनके बड़े भाई ओम मिश्रा भी इस मुहिम से जुड़े। दोनों की यह मेहनत अब ‘हरियाली से खुशहाली’ की कहानी बन चुकी है।हरी बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बागवानी के प्रति प्रेरक बातों ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। वर्ष 2019 में उन्होंने पौधारोपण शुरू किया था, जो अब 20 बीघे में फैले एक समृद्ध बगीचे का रूप ले चुका है।
“आज यह बगीचा न सिर्फ हमें आमदनी दे रहा है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दे रहा है।”— हरी मिश्रा, संस्थापक, लाइफ गार्डन